हिंदी साहित्य संसार
Wednesday, 8 December 2010
विदेह तो नहीं हो न
यह कविता 9जुलाई 2008 को मेरे ग्राम करियन,समस्तीपुर में आयोजित मेरे पुत्रों चिरंजीवी सुन्दरम व शोभनम के मुंडन संस्कार के लिए वितरित आमंत्रण पत्र पर छपी थी ।
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