देश एक नदी का नाम है
दांत,पंजे व विषैले पूंछो वाले
बहते हैं जहां जानवर व भाषा एक साथ
चीखचित्कार पर चकित होने की मनाही है भाई
सौ वरस पहले की बात है
प्रकट हुई खडीबोली
इतिहास के दांत
राज के पंजों के साथ
दबोची गई थी अवधी,ब्रजभाषा जैसी कई
चित्कार पर प्रसन्न थे
भाषाविद,समाजशास्त्री व देशप्रेमी
किसी ने भी पूछी नही
अवधी की ईच्छा
सब प्रसन्न हो
देख रहे थे खडी बोली के नाखून
अभी भी तो नजर है
मैथिली,राजस्थानी पर
नदी के साथ ही
मेरा भी एक मैला आंचल है
बाप जिन्दा हैं
बिज्जावई भाषा के साथ
देवभाषा उनकी मंत्रों में ही जिंदा है
वे सस्नेह सुन रहे हैं
पोते का ईटिंग सुगर नो पापा
पत्नी मेरी बैठी है
विशाल डैने के साथ
बच्चा अब पढेगा
ट्विंकल ट्विंकल लिटल स्टार
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