विपिन चंद्र की उपलब्धियां ऐतिहासिक थी ।उन्होंने आधुनिक भारतीय इतिहास को औपनिवेशिक ,राष्ट्रवादी ,गांधीवादी एवं मार्क्सवादी अतिवादों से दूर किया ।उन्होंने 1857 के विद्रोह को राष्ट्रवादी आंदोलन एवं सैनिक विद्रोह के बीच के उचित धरातल पर देखा ।भारतीय अर्थव्यवस्था के पिछड़ेपन को मार्क्सवादी एवं औपनिवेिशिक व्याख्या से दूर करते हुए वस्तुनिष्ठ राष्ट्रवादी नजर से देखा ।नरमवादी कांग्रेसियों की उपलब्धियों को सही परिपेक्ष्य में देखा ।इनके राष्ट्रवादी सोच के आर्थिक आधार पर अपनी थीसिस पूरी की ।उग्रवादी कांग्रेसियों एवं हिंसक राष्ट्रवादियों की सीमाओं को जनआंदोलन एवं ब्रिटिश सत्ता के मूल स्वरूप पर ध्यान रखकर विचार किया ।गांधीवादी राष्ट्रीय आंदोलन के संपूर्ण वैचारिक आधार को टटोलते हुए जन आंदोलन की गांधीवादी सोच एवं रणनीति को टटोला ।उन्होंने सांप्रदायिकता के मध्यवर्गीय आधार को परखते हुए उसके चरणों को रेखांकित किया ।सांप्रदायिकता एवं देशविभाजन के पीछे की राजनीति एवं जनाधार को व्यक्तिवादी व्याख्या से परहेज करते हुए पूरे राष्ट्र की मनोवैज्ञानिक मीमांसा किया ।
(अपने आकाशी गुरू को श्रद्धांजलि)
(अपने आकाशी गुरू को श्रद्धांजलि)
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