सरकारों ने भले ही मऊ से पटना जाने के लिए वाया बलिया और वाया भटनी का रूट बनाया ,सजाया हो ,जनता इस रूट से नहीं चलती ।यहां के लोग फेफना में उतरकर ऑटो एवं जीप से बक्सर पहुंचते हैं ,फिर बक्सर से रेल के माध्यम से पटना पहुंचते हैं ।व्यापारियों ,किसानों ,कर्मचारियों ,तस्करों का यही रूट है ।यही रूट ज्यादा लोकप्रिय और सुरक्षित भी है ।बक्सर के टूटे पुल से निर्बाध यात्रा जारी है ,पुल का मुख्य हिस्सा कई भागों में बँटा दिखता है ,और एक हिस्से से दूसरे पर जाते वक्त दोनों हिस्से हिलते हैं ,आवाज करते हैं तथा डराते हैं ।लोगों ने बताया कि कई महीना पहले ही पुल को सरकारी तौर पर बंद कर दिया गया है ,परंतु भारी और हल्के वाहन पहले की ही तरह चल रहे हैं ।कुछ लोग डरे भी हैं कि कहीं सही में रूट बंद हो गया तो बलिया से पटना की यह यात्रा कुछ ज्यादा घंटों की मांग करेगी ।शायद उत्तर प्रदेश और बिहार के सरकारों के लिए यह उच्च प्राथमिकता का विषय नहीं रहा हो ,परंतु यहां के लोगों के लिए यह रोटी-बेटी का प्रश्न है ।
(मऊ से पटना वाया फेफना,बक्सर)
(मऊ से पटना वाया फेफना,बक्सर)
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