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Friday, 21 March 2014

संपादक का परिवारवाद

समास-8 के प्रकाशक ,लेखक और संपादक पर जरा ध्‍यान दीजिए ।
संपादक-उदयन वाजपेेयी,प्रकाशक-अशोक वाजपेयी
तीन सौ बीस पृष्‍ठ के साठ पृष्‍ठ में संपादकीय और वार्तालाप मिलाकर उदयन वाजपेयी हैं ।पांच पृष्‍ठ और लेकर एक आलेख में भी है ।पांच पृष्‍ठ में प्रकाशक महोदय की कविता पर ध्रुव शुक्‍ल का आलेख है ।चौदह पृष्‍ठ किसी आस्‍तीक वाजपेयी के लिए है ,जिनके घर का पता संपादकीय कार्यालय का पता है ।मतलबसाहित्‍य ,कला और सभ्‍यता पर एकाग्र की घोषणा के साथ इस अनियतकालीन पत्रिका का एक चौथाई हिस्‍सा अपने घर-परिवार से संबंधित है ।ये सामग्री चाहे जितनी भी अनिवार्य रही हो ,प्रकाशक और संपादक को अपने विवेक का इस्‍तेमाल तो करना ही चाहिए ।और आस्‍तीक जी आपकी कविता चाहे जितनी भी कमाल की हो ,घर में छपने से बचिए ।

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