पूरी दुनिया में निकल चुकी हैं
अर्नाकुलम की बेटियॉ
केरल के अपने घरों में ताला डाल
हमारी किस्मत खोलने निकल चुकी हैं
अर्नाकुलम की बेटियॉ
सुदूर देहातों में मैथिली व बुन्देली बोल रही
मलयालम भूली नहीं हैं
अर्नाकुलम की बेटियॉ
पोंगल के साथ ही मकर संक्रांति मना रही
इलायची की गंध भूली नहीं है
अर्नाकुलम की बेटियॉ
मउनाथभंजन के डाक्टर जूड की तरह
पूरे देश की शिक्षा व सेहत पर नजर रख रही दीर्घतपा
वाकई कर्णधार हैं
अर्णाकुलम की बेटियॉ
काशी प्रयाग से बडा तीर्थ बन गया अर्णाकुलम
पुरूष देवदूतों से भी महान हैं
जिनकी युवा पत्नियां कर रही है सेवा गैर की
शायद स्वर्ग उतर आया है अर्णाकुलम में
देवता भी कुछ सीखना चाहते हैं
अर्नाकुलम की बेटियॉ
केरल के अपने घरों में ताला डाल
हमारी किस्मत खोलने निकल चुकी हैं
अर्नाकुलम की बेटियॉ
सुदूर देहातों में मैथिली व बुन्देली बोल रही
मलयालम भूली नहीं हैं
अर्नाकुलम की बेटियॉ
पोंगल के साथ ही मकर संक्रांति मना रही
इलायची की गंध भूली नहीं है
अर्नाकुलम की बेटियॉ
मउनाथभंजन के डाक्टर जूड की तरह
पूरे देश की शिक्षा व सेहत पर नजर रख रही दीर्घतपा
वाकई कर्णधार हैं
अर्णाकुलम की बेटियॉ
काशी प्रयाग से बडा तीर्थ बन गया अर्णाकुलम
पुरूष देवदूतों से भी महान हैं
जिनकी युवा पत्नियां कर रही है सेवा गैर की
शायद स्वर्ग उतर आया है अर्णाकुलम में
देवता भी कुछ सीखना चाहते हैं
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