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Thursday, 4 November 2010

लक्ष्‍मी ये आपका नही है

नाराज नही हो विष्‍णुप्रिये
मेरे दीवार पर टॅगी हाथी युगल आपका नहीं है
फूलजल अर्पित नहीं किया इसने
ऐरावत का ऐश्‍वर्य इसमें मत देखें
गणेश का सर इसके पूर्वजों से नहीं बना

लीलाधर ने इसे कब बचाया 

यह कलियुग का चुनावी हाथी भी नहीं है
यह तो अपने आप में ही मत्‍त हाथी हथिनी है
नवदम्‍पति है क्‍या
क्षमा करना लक्ष्‍मी
कोई रार तो नहीं कर रहा
पर सोच नही पा रहा

तुमको पूजूं या तुम्‍हारे हाथी को 

वैसे मेरी हाथी को किसी अनाम कुम्‍हार ने बनाया है
इसका कलात्‍मक मूल्‍य नगण्‍य है  






3 comments:

  1. बहुत सुंदर प्रस्तुति , दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये...
    sparkindians.blogspot.com

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  2. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये.

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

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